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Gâwân nâch arbeite pflac |
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slâfens den mitten tac. |
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im wâren sîne wunden |
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mit kunst alsô gebunden, |
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ob friundîn wær bî im gelegen, |
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het er minne gepflegen, |
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daz wære im senfte unde guot. |
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er het ouch bezzern slâfes muot, |
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dan des nahtes dô diu herzogin |
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an ungemache im gap gewin. |
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er erwachte gein der vesper zît. |
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doch het er in slâfe strît |
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gestriten mit der minne |
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abe mit der herzoginne. |
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ein sîn kamerære |
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mit tiurem golde swære |
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brâht im kleider dar getragen |
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von liehtem pfelle, hôrt ich sagen. |
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dô sprach mîn hêr Gâwân |
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"wir suln der kleider mêr noch hân, |
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diu al gelîche tiure sîn; |
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dem herzogen von Gôwerzîn, |
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unt dem clâren Flôrande, |
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der in manegem lande |
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hât gedienet werdekeit. |
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nu schaffet daz diu sîn bereit." |
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bî eime knappen er enbôt |
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sîme wirt Plippalinôt |
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daz er im sant Lischoysen dar. |
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bî sîner tohter wol gevar |
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