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Der heiden jach für werdiu dinc. |
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sus reit an Gâwânes rinc |
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Artûs mit sînem wîbe |
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und mit manegem clâren lîbe, |
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mit rîtern und mit frouwen. |
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der heiden mohte schouwen |
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daz ouch dâ liute wâren |
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junc mit solhen jâren |
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daz si pflâgen varwe glanz. |
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dô was der künec Gramoflanz |
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dennoch in Artûses pflege: |
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dâ reit och ûf dem selben wege |
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Itonjê sîn âmîe, |
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diu süeze valsches vrîe. |
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do rebeizte der tavelrunder schar |
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mit manger frouwen wol gevar. |
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Ginovêr liez Itonjê |
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ir neven den heiden küssen ê: |
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si selbe dô dar nâher gienc, |
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Feirefîzen si mit kusse enpfienc. |
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Artûs und Gramoflanz |
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mit getriulîcher liebe ganz |
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enpfiengen disen heiden. |
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dâ wart im von in beiden |
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mit dienst erboten êre, |
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und sîner mâge mêre |
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im tâten guoten willen schîn. |
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Feirefîz Anschevîn |
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was dâ ze guoten friunden komn: |
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daz het er schiere an in vernomn. |
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