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Man truog im zimierde dar |
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von tiwerre koste alsô gevar, |
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swen diu minne ie des betwanc |
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daz er nâch wîbe lône ranc, |
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ez wær Gahmuret od Gâlôes |
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ode der künec Kyllicrates, |
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der decheiner dorfte sînen lîp |
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nie baz gezieren durch diu wîp. |
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von Ipopotiticôn |
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oder ûz der wîten Acratôn |
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oder von Kalomidente |
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oder von Agatyrsjente |
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wart nie bezzer pfelle brâht |
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dan dâ zer zimier wart erdâht. |
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dô kuster daz vingerlîn |
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daz Itonje diu junge künegîn |
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im durch minne sande. |
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ir triwe er sô bekande, |
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swâ im kumbers wære bevilt, |
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dâ was ir minne für ein schilt. |
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der künec was gewâpent nuo. |
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zwelf juncfrouwen griffen zuo
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ûf schœnen runzîden: |
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diene solden daz niht mîden, |
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diu clâre geselleschaft, |
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ieslîchiu het an einen schaft |
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den tiwern pfelle genomn, |
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dar unde der künec wolde komn: |
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den fuorten si durch schate dan |
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ob dem strîtgernden man. |
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