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Alsô sprach der tumbe man. |
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"mîner muoter volc niht pûwen kan. |
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jane wehset niht sô lanc ir sât, |
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swaz sir in dem walde hât: |
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grôz regen si selten dâ verbirt." |
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Gurnemanz de Grâharz hiez der wirt |
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ûf dirre burc dar zuo er reit. |
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dâ vor stuont ein linde breit |
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ûf einem grüenen anger: |
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der was breiter noch langer |
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niht wan ze rehter mâze. |
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daz ors und ouch diu strâze |
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in truogen dâ er sitzen vant |
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des was diu burc unt ouch daz lant. |
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ein grôziu müede in des betwanc, |
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daz er den schilt unrehte swanc, |
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ze verre hinder oder für, |
| 162,18
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et ninder nâch der site kür |
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die man dâ gein prîse maz. |
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Gurnamanz der fürste al eine saz: |
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ouch gap der linden tolde |
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ir schaten, als si solde, |
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dem houbetman der wâren zuht. |
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des site was vor valsche ein fluht, |
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der enpfienc den gast: daz was sîn reht. |
| 162,26
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bî im was ritter noch kneht. |
| 162,27
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sus antwurt im dô Parzivâl |
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ûz tumben witzen sunder twâl. |
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"mich pat mîn muoter nemen rât |
| 162,30
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ze dem der grâwe locke hât. |
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