| 262,1
|
Parzivâl was ouch bereit: |
|
|
| 262,2
|
sîn ors mit walap er reit |
| 262,3
|
gein Orilus de Lâlander. |
| 262,4
|
ûf des schilde vander |
| 262,5
|
einen trachen als er lebte. |
| 262,6
|
ein ander trache strebte |
| 262,7
|
ûf sîme helme gebunden; |
| 262,8
|
an den selben stunden |
| 262,9
|
manec guldîn trache kleine |
| 262,10
|
(mit mangem edelen steine |
| 262,11
|
muosen die gehêret sîn: |
| 262,12
|
ir ougen wâren rubîn) |
| 262,13
|
ûf der decke und ame kursît. |
| 262,14
|
dâ wart genomn der poynder wît |
| 262,15
|
von den zwein helden unverzagt. |
| 262,16
|
newederhalp wart widersagt: |
| 262,17
|
si wârn doch ledec ir triuwe. |
| 262,18
|
trunzûne starc al niuwe |
| 262,19
|
von in wæten gein den lüften. |
| 262,20
|
ich wolde mich des güften, |
| 262,21
|
het ich ein sölhe tjost gesehen |
| 262,22
|
als mir diz mære hât verjehen. |
| 262,23
|
dâ wart von rabbîne geriten, |
| 262,24
|
ein sölch tjoste niht vermiten: |
| 262,25
|
froun Jeschûten muot verjach, |
| 262,26
|
schœner tjost si nie gesach. |
| 262,27
|
diu hielt dâ, want ir hende. |
| 262,28
|
si freuden ellende |
| 262,29
|
gunde enwederm helde schaden. |
| 262,30
|
diu ors in sweize muosen baden. |
|