573,1
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Nu was im sîn houbet |
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573,2
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mit würfen sô betoubet, |
573,3
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unt dô sîne wunden |
573,4
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sô bluoten begunden, |
573,5
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daz in sîn snellîchiu kraft |
573,6
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gar liez mit ir geselleschaft: |
573,7
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durch swindeln er strûchens pflac. |
573,8
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das houbt im ûf dem lewen lac, |
573,9
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der schilt viel nider under in.
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573,10
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gewan er ie kraft ode sin, |
573,11
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diu wârn im beide enpfüeret: |
573,12
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unsanfter was gerüeret. |
573,13
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aller sin tet im entwîch. |
573,14
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sîn wanküssen ungelîch |
573,15
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was dem daz Gymêle |
573,16
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von Monte_Rybêle, |
573,17
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diu süeze und diu wîse, |
573,18
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legete Kahenîse, |
573,19
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dar ûffe er sînen prîs verslief. |
573,20
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der prîs gein disem manne lief: |
573,21
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wande ir habt daz wol vernomn, |
573,22
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wâ mit er was von witzen komn, |
573,23
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daz er lac unversunnen, |
573,24
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wie des wart begunnen. |
573,25
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verholne ez wart beschouwet, |
573,26
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daz mit bluote was betouwet |
573,27
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der kemenâten estrîch. |
573,28
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si bêde dem tôde wârn gelîch, |
573,29
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der lewe unde Gâwân. |
573,30
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ein juncfrowe wol getân |
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